Monday, July 27, 2009

TUM NAHI AAYE

तुम आओगे यही सोचकर,

चले उन रास्तों से हम,

जिन पर चले थे कभी साथ तुम्हारे,

तुम तो न आये, पर तकते रहे तुम्हारा राह वो सारे निशां भी ,

जो कुरेदे थे हमने पेरों के दाल पर;

पत्थरों पर जो उकेरें थे जो नाम हमने,

मिटा नहीं पाया है अबतक वक़्त भी;

पर तुम ही तो निकल गए आगे,

और छोर गए मुझे पीछे;

अब तुम नहीं आओगे, पर याद आएगी,

देखना इक दिन तेरे इंतज़ार में ही मेरी जान जायेगी;

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