(TUMHARE PYAR KA)
ये अलग बात है की मैंने कुछ नहीं कहा है,
और चुप तुम भी रही हो,
पर नैनों ने नैनों से जो की है दिल की बातें,
उसे मैंने और तुमने भी समझा है,
पर प्रयास किया है हमेशा कि चेहरे पर रंग ऐसा कोई आ न जाये,
कि इस गुमसुम से प्यार कोकोई बाहरवाला जान जाये.
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